


रिश्ते मोती की तरह होते है,अगर कोई मोती टूट कर गिर भी जाये तो उसे झुककर उठा लेना चाहिए! !



माना की बहुत कीमती है वक़्त तेरा मगर हम भी नवाब है बार बार नहीं मिलेंगे!!



Online होकर भी Ignore करने की आदत है ना तेरी,जिस दिन हमने Ignore कर दिया उस दिन तेरी आदत भी तुझ पर ही भरी पड़ेगी !!



मुझे बस खुद को ढूंढ़ना है, बाकि सब तो इंटरनेट पर है ही !!



मजबूत होने का मजा तभी आता है,जब सारी दुनिया तुम्हे कमजोर करने पर तुली हो!



जब बात जरुरत की हो तो जुबान सबकी मीठी हो जाती है!



कभी यह आरज़ू थी की हर कोई जाने मुझे,आज यह तलब है की गुमनाम ही रहूं मैं !!



न बुरा होगा,न बढ़िया होगा,होगा वैसा,जैसा नजरिया होगा!



जो भूल गए उन्हें भूल जाने दो , सब याद करेंगे मतलब के दिन तो आने दो!



प्रेम का जायका नहीं होता,
प्रेम की दास्ताँ होती है



भावनाएं वहीँ प्रकट कीजिये जहाँ उनकी क़द्र हो,
बाकी तो आपकी आँख के आंसू उनके लिए पानी है !!



ख्वाईश नहीं की हर कोई मेरी तारीफ करे,माँ बाप नाज़ करे बस इतना ही काफी है!!



कमज़ोर तब रुकते है जब बह थक जाते है |
विजेता तब जब बह जीत जाते है !!



ढूढ़ना ही है तो परवाह करने वालों को ढूंढ़िये साहेब,
इस्तेमाल करने वाले तो ख़ुद ही आपको ढूंढ लेंगे।



समय रहते अगर बुरी आदत ना बदली जाए,
वो बुरी आदत समय को ही बदल देती हैं।



यकीन और दुआ नजर नहीं आते,
मगर नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं।



रिश्तों में निखार सिर्फ हाथ मिलाने से नहीं आता, विपरीत हालातों में हाथ थामे रहने से आता है।



यूँ चेहरे पर उदासी ना ओढ़िये साहब…
वक़्त ज़रूर तकलीफ का है लेकिन कटेगा मुस्कुराने से ही।



मैं एक शाम जो रोशन दीया उठा लाया,
तमाम शहर कहीं से हवा उठा लाया।



तलब करें तो मैं अपनी आँखें भी उन्हें दे दूँ,
मगर ये लोग मेरी आँखों के ख्वाब माँगते हैं।



चेहरे पर सुकून तो बस दिखाने भर का है,
वरना बेचैन तो हर शख्स ज़माने भर का है।



चेहरे पर सुकून तो बस दिखाने भर का है,
वरना बेचैन तो हर शख्स ज़माने भर का है।



फूल बनने की खुशी में मुस्कुरायी थी कली,
क्या खबर थी ये तबस्सुम मौत का पैगाम है।



मेरा झुकना और तेरा खुदा हो जाना,
यार अच्छा नहीं इतना बड़ा हो जाना।



मैंने देखा है बहारों में चमन को जलते,
है कोई ख्वाब की ताबीर बताने वाला?



ये कशमकश है कैसे बसर ज़िन्दगी करें,
पैरों को काट फेंके या चादर बड़ी करें।



वही ज़मीन है वही आसमान वही हम तुम,
सवाल यह है ज़माना बदल गया कैसे।